आखिर कैसे पढ़ेंगे बच्चे जब स्‍कूलों में शिक्षक हैं न हेड मास्टर, इतने पद हैं रिक्त

मेरठ। एक अप्रैल से जिले के सभी प्राथमिक एवं जूनियर स्कूलों में नए शैक्षिक सत्र का शुभारंभ हो जाएगा, लेकिन बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित जिले के प्राथमिक व जूनियर स्कूलों की स्थिति बेहद चिंताजनक है। इन स्कूलों की कमान संभालने वाले 662 प्रधानाध्यापकों के साथ ही बच्चों को पढ़ाने वाले 1127 सहायक अध्यापक भी स्कूलों नहीं है। सबसे चिंताजनक स्थिति नगर क्षेत्र के स्कूलों की है। जहां जूनियर में सहायक अध्यापकों के आधे पद खाली हैं। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई कैसे होगी? इसका जवाब शिक्षा विभाग के अधिकारी ही दे सकते हैं।



नगर क्षेत्र के स्कूलों का बुरा हाल


नगर क्षेत्र के प्राथमिक स्कूलों की स्थिति यह है कि प्राथमिक में 146 में से 49 पद प्रधानाध्यापक व सहायक के 762 में से 625 पद खाली हैं। यदि इन स्कूलों में शिक्षा मित्रों की तैनाती न हो तो अधिकांश स्कूल बंद होने की स्थिति में आ जाएंगे। वहीं, नगर क्षेत्र के जूनियर स्कूलों में प्रधानाध्यापक के कुल 33 पद स्वीकृत हैं। इनमें से 30 खाली हैं। सहायक के भी 148 में से 70 के पद खाली हैं।


जिले में 17 सौ शिक्षकों के पद खाली


जिले की स्थिति यह है कि 662 प्रधानाध्यापक व सहायक अध्यापक मिलाकर कुल 1789 शिक्षकों के पद खाली हैं। इनमें 59 शिक्षक 31 मार्च को सेवानिवृत्ति के बाद और जुड़ जाएंगे। ग्रामीण क्षेत्र के प्राथमिक में प्रधानाध्यापक के 778 में से 249 व सहायक के 2477 में से 151 पद खाली हैं। यहां सात सौ शिक्षा मित्रों से काम चलाया जा रहा है। वहीं, जूनियर में प्रधानाध्यापक के 370 में से 334 खाली हैं। सहायक अध्यापक के 1434 में से 281 खाली हैं। इनमें 136 अनुदेशकों से काम चलाया जा रहा है।